Tuesday, 10 May 2016

वक्री बुध और अन्य वक्री ग्रहों का गोचर फल....

28 अप्रेल को वक्री हुआ बुध 22 मई को मार्गी हो जाएगा। वक्री और मार्गी होने के कारण 3 अप्रेल से यह ग्रह मेष राशि में ही बना हुआ है। 8 जून को बुध वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। 1 मई से 17 मई तक यह ग्रह अस्त  रहेगा। इस वर्ष शनि बुध के नक्षत्र में ही रहेगा । इस कारण यह समय ऐसे जातकों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है जिनकी कुंडली में शनि मंगल या बुध की दशा-भुक्ति या अंतर होगा।
इस दौरान शनि स्वजयं वक्री है जो कि इस वर्ष के  लगभग अंत तक वक्री ही रहेगा। गुरू 9 मई को मार्गी होगा लेकिन मंगल सितंबर तक वक्री ही रहने वाला है। इस ग्रह दशा में बुध का मार्गी होना एक महत्वलपूर्ण घटना है जिसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों को महसूस होगा।
12 राशियों के जातकों पर इस का प्रभाव इस प्रकार है:
मेष: लग्नक में सूर्य, बुध और शुक्र स्थित हैं। लग्नस स्वाीमी और 11वें भाव का स्वारमी 8वें भाव में वक्री होकर बैठे हैं। यह स्थिति अचानक अच्छीन या बुरी घटनाएं दे सकती हैं। कानूनी मामले आपको मानसिक असंतुलन की स्थिति में भी पहुंचा सकते हैं। अगर किसी चीज को पाना चाहते हैं तो उसके लिए सामान्या से ज्याचदा मेहनत करनी होगी। पैतृक संपत्ि ह  की प्राप्तिय हो सकती है और अंजान स्रोत से धन प्रात्तिी भी संभव है। गलत और गैरकानूनी काम करने वाले लोग बहुत मुनाफा कमा सकते हैं।
वृषभ: 9 मई के बाद कई मामलों में आपको राहत मिलेगी। लेकिन कार्यक्षेत्र में चल रहा संघर्ष वैसा ही रहेगा। आपके काम को नजरअंदाज किया जाएगा और आपके सीनियर आपकी उपेक्षा कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन में भी तनातनी बरकरार रहेगी। परिवार के किसी सदस्यै के बीमार होने के कारण अस्पकताल के चक्कार भी लगाने पड़ सकते हैं साथ ही धन व्य य के भी योग हैं।

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