Wednesday, 11 May 2016

जानिए किस अंग के फड़कने पर मिलता है कैसा फल...



भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय द्वारा रचित अंग शास्त्र जो सामुद्रिक शास्त्र के नाम से भी जानी जाती है में अंगों के फड़कने के कई राज़ बताए गए हैं। सभी अंगों के फड़कने पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। अंग शास्‍त्र की मानें तो मनुष्‍य के शरीर के अंगों का फड़कना बेहद विशेष होता है। मत्स्य पुराण के अनुसार, “पुरुषों के दाहिने (Right Side) अंगों का फड़कना शुभ और बाएं भाग (Left Side) का फड़कना अशुभ होता है। स्त्रियों के लिए यह विपरीत माना जाता है।” आइए जानें मानव शरीर के किस हिस्से के फड़कने से क्या संकेत मिलता है :
चेहरे के अंगों के फड़कने का फल
सिर के फड़कने पर जमीन-जायदाद में वृद्धि होती है। यदि किसी का ललाट फड़कने लगे तो उसे स्थान की वृद्धि होगी। नेत्रों के समीप स्फुरण होने पर धन प्राप्ति की संभावना होती है। दाईं पलकों के फड़कने पर युद्ध में विजय और लक्ष्य की प्राप्ति संभव है। आंत का फड़कना, धन प्राप्ति की ओर संकेत करता है। नाक का फड़कना प्रियजनों से मिलन का कारक है। यदि निचले होंठों में स्‍फुरण हो तो संतान सुख की प्राप्तितो होती है। गले का फड़कना, भोग लाभ का संकेतक है।
शरीर के अंगो के फड़कने का राज
दोनों कंधे फड़कने लगें तो यह भोग की वृद्धि (किसी चीज की चाह का बढ़ना) के संकेत हैं। हाथ का फड़कना, धन की प्राप्ति का संकेतक है। पीठ का फड़कना, युद्ध में पराजय का चेतक है। छाती का फड़कना पूर्व में ही विजय प्राप्ति का संकेत देता है। दोनों पैरों का फड़कने पर उत्तम स्थान की प्राप्ति होती है। किंतु ध्‍यान रखें ’स्त्रियों के लिए सभी फलादेश विपरीत होंगे।’

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