Friday, 6 May 2016

100 साल बाद बन रहा अक्षय तृतीया पर यह योग…


हिंदू शास्‍त्र में अक्षय तृतीया का बड़ा महत्‍व है। इस दिन को सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इसे अखतीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है। अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 9 मई 2016  के दिन मनाया जाएगा। इस पवित्र दिन दान, स्‍नान, जप और किसी गरीब को भोजन कराने से पुण्‍य की प्राप्‍ति होती है।
अक्षय तृतीया कई मायनों में महत्‍वपूर्ण है। माना जाता है कि इस दिन किसी भी कार्य की शुरूआत की जा सकती है। जिनके काम काफी समय से अटके हुए हैं,  व्‍यापार में लगातार नुकसान हो रहा है अथवा किसी कार्य के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल पा रहा है तो अक्षय तृतीया का दिन किसी भी नई शुरूआत के लिए अत्‍यंत ही शुभ दिन है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना गया है। इस दिन स्वर्ण आभूषणों की ख़रीद-फरोख्त को भाग्य की शुभता से जोड़ा जाता है।
क्‍या है इस बार विशेष
9 मई 2016 को आने वाली अक्षय तृतीया इसलिए खास है क्‍योंकि इस बार हर वर्ष की तरह अक्षय तृतीया पर विवाह का कोई भी शुभ मुहुर्त नहीं है। अक्षय तृतीया पर ग्रहण विवाह कारक ग्रहों के अस्‍त होने की वजह से अत्‍यंत शुभ माने जाने वाले अक्षय तृतीया के दिन भी विवाह संस्‍कार नहीं हो पाएंगें।लगभग 100 सालों के बाद अक्षय तृतीया के दिन विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है। अब विवाह के‍ लिए शुभ मुहूर्त विवाह कारक ग्रहों के अस्‍त होने और देवताओं के शयन में जाने के बाद पूरे 6 महीने के पश्‍चात् ही शुरू होगा। 11 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद विवाह कार्य संपन्‍न हो पाएंगें।

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