Thursday, 12 May 2016

जानिए मार्गी गुरू का गोचर फल...


        आचार्य रमन
        वैदिक व् के पी ज्योतिषी

मेष -: गुरू अपनी राशी  – भाग्य  स्थािन, लग्न स्था न और ग्यारहवें घर को देख रहा है एवं पंचम में  गुरू की राहु के साथ युति बन रही है। गुरू की राहु के साथ युति कई सारी चीजों में बाधा उत्पन्न कर सकती है। किंतु घबराने की जरूरत नहीं है, इस समय आपका भाग्य आपका साथ देगा। अचानक कहीं से धन प्राप्ति की संभावना है। रूके हुए कार्य बनते नजर आएंगें। सट्टेबाजी में थोड़ा बहुत फायदा मिल सकता है। खानपान की आदतों पर नियंत्रण रखें। अन्य किसी धर्म के जातक से आपकी दोस्ती एवं शारीरिक संबंध बनेंगें। पिता के साथ संबंध अच्छे रहेंगें। धार्मिक कार्यों के प्रति रूझान बढ़ेगा। कोई भी गलत कार्य न करें अन्यथा मुश्किल में पड़ सकते हैं।
वृषभ -: रूके हुए कार्य बनते नजर आएंगें। समय के साथ अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है। अष्टम भाव का स्वामी गुरू यहां चौथे घर में बैठा है जिस कारण आपकी माता की सेहत बिगड़ने की संभावना है। वाहन एवं घर में किसी प्रकार का बदलाव आ सकता है। बारहवां घर व्यय और मृत्यु का कारक है जिसके प्रभाव में आपका धन किसी बीमारी के इलाज पर खर्च होगा। कार्यस्थल में कुछ अड़चनें आएंगीं लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों से सहायता प्राप्त होगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें। शराब पीकर वाहन न चलाएं। सेहत का ध्यान रखें।

मिथुन -: इस राशि में गुरू की सातवें, ग्यारहवें और नवें  भाव पर दृष्टि है। हो सकता है इस समय आपका पार्टनर आपके लिए पूरी तरह से वफादार न हो। धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। भाग्य फल सामान्य रहेगा। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा।

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