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Friday, 27 May 2016

जानिए गुरू का कन्‍या राशि में गोचर- 11 अगस्‍त 2016.....


11 अगस्‍त को 2016 को गुरू कन्‍या राशि में गोचर करेगा। कन्‍या एक दोहरे स्‍वाभाव वाली राशि है इसलिए यह गोचर कन्‍य राशि के जातकों में कन्‍फ्यूजन भर देगा। वो कभी तो बहुत मन से काम करेंगे और कभी छोड़-छाड़ कर किनारे हो जाएंगे। 
दो चीजें जो इस गोचर के दौरान अच्‍छी हो रहीं है उनमें से पहली है कि गुरू राहू को छोड़ रहा है और उस पर जो शनि की दृष्‍टि पड़ रही थी उससे भी आगे निकल जाएगा। वह जातक जो गुरू की दशा और भुक्‍ति से गुजर रहे हैं उन्‍हें इस गोचर का सबसे ज्‍यादा प्रभाव मिलेगा। तो आइए देखते हैं इस गोचर का 12 राशियों पर प्रभाव:

मेष: गुरू छठे भाव में है जिस कारण सेक्‍स की ओर आपका आकर्षण जरूरत से ज्‍यादा होगा। जिसकी वजह से बीमार होने की संभावना भी है।खाना अनियंत्रित हो जाएगा जिसकी वजह से आलस ज्‍यादा आएगा और इस गोचर के खत्‍म होते होते अपने वजन में भी वृद्धि देखेंगे।सचेत रहे और ऐसा कुछ न करें जो आपके बदनाम होने का कारण बन जाए। इस गोचर के दस दिन पहले से इसके खत्‍म होने के 20 दिन बाद तक यह खतरा आप पर बना रहेगा।
वृषभ: गुरू की मूल त्रिकोण राशि यहां 8वें भाव में आती है जिस कारण कई बार गुरू 11वें भाव का स्‍वामी होने के बाद भी उस भाव के फल नहीं देता।आपका रूझान धार्मिक अनुष्‍ठानों और कार्यों में ज्‍यादा रहेगा। इस कारण सामाजिक दायरों का भी विस्‍तार होगा।आप लव गुरू की भूमिका में भी नजर आएंगे और कुछ ऐसा करेंगे जिससे स्‍वयं के आत्‍मसम्‍मान को ठेस पहुंचेगी।12वें भाव का स्‍वामी होने के कारण गुरू बच्‍चों को कुछ परेशानी में डाल सकता है। 
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Thursday, 12 May 2016

जानिए मार्गी गुरू का गोचर फल...


        आचार्य रमन
        वैदिक व् के पी ज्योतिषी

मेष -: गुरू अपनी राशी  – भाग्य  स्थािन, लग्न स्था न और ग्यारहवें घर को देख रहा है एवं पंचम में  गुरू की राहु के साथ युति बन रही है। गुरू की राहु के साथ युति कई सारी चीजों में बाधा उत्पन्न कर सकती है। किंतु घबराने की जरूरत नहीं है, इस समय आपका भाग्य आपका साथ देगा। अचानक कहीं से धन प्राप्ति की संभावना है। रूके हुए कार्य बनते नजर आएंगें। सट्टेबाजी में थोड़ा बहुत फायदा मिल सकता है। खानपान की आदतों पर नियंत्रण रखें। अन्य किसी धर्म के जातक से आपकी दोस्ती एवं शारीरिक संबंध बनेंगें। पिता के साथ संबंध अच्छे रहेंगें। धार्मिक कार्यों के प्रति रूझान बढ़ेगा। कोई भी गलत कार्य न करें अन्यथा मुश्किल में पड़ सकते हैं।
वृषभ -: रूके हुए कार्य बनते नजर आएंगें। समय के साथ अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है। अष्टम भाव का स्वामी गुरू यहां चौथे घर में बैठा है जिस कारण आपकी माता की सेहत बिगड़ने की संभावना है। वाहन एवं घर में किसी प्रकार का बदलाव आ सकता है। बारहवां घर व्यय और मृत्यु का कारक है जिसके प्रभाव में आपका धन किसी बीमारी के इलाज पर खर्च होगा। कार्यस्थल में कुछ अड़चनें आएंगीं लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों से सहायता प्राप्त होगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें। शराब पीकर वाहन न चलाएं। सेहत का ध्यान रखें।

मिथुन -: इस राशि में गुरू की सातवें, ग्यारहवें और नवें  भाव पर दृष्टि है। हो सकता है इस समय आपका पार्टनर आपके लिए पूरी तरह से वफादार न हो। धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। भाग्य फल सामान्य रहेगा। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा।