समाज में किन्नरों का जीवन काफी कठिन है। आज भी मनुष्य में किन्नर जाति ऐसी है जो अपने मूल अधिकारों के लिए लड़ रही है। देखा जाए तो समाज का यह वर्ग काफी पिछड़ा हुआ है। किन्नरों के जीवन और मृत्यु से कई रहस्य जुड़े हुए हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन्नरों का विवाह भी होता है। जी हां, समाज में हीन दृष्टि से देखे जाने वाले इस वर्ग में भी शादी जैसा पवित्र बंधन बांधा जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि किन्नरों का विवाह किसी सामान्य व्यक्ति से नहीं बल्कि महाभारत के सुप्रसिद्ध पात्र अर्जुन और उलुपी के पुत्र ‘अरावन’ से होता है। किन्नर समुदाय में अरावन को देवता के रूप में पूजा जाता है। किन्नरों के देवता भी अरावन हैं और उन्हीं से विवाह रचाने की प्रथा इस समुदाय में फैली हुई है।
महाभारत के युद्ध के दौरान पांडवों को जीत के लिए मां काली के चरणों में एक राजकुमार की बलि देने की जरूरत पड़ी किंतु इस कार्य की पूर्ति के लिए कोई भी राजकुमार आगे नहीं आया। तब अरावन नर बलि के लिए आगे आता है किंतु उसकी शर्त होती है कि वह अविवाहित नहीं मरेगा।
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