हिंदू धर्म के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि सोमवार के दिन व्रत रखने से भगवान शिव मनवांछित फल का वरदान देते हैं। कुंवारी कन्याओं द्वारा मनवांछित वी पाने हेतु सोलह सोमवार व्रत रखने की भी रीति है। सोमवार के व्रत में कथा सुनने से भी व्रत का फल अच्छा मिलता है।
माता पार्वती और भगवान शिव की इस बातचीत को साहूकार सुन रहा था। उसे न तो इस बात की खुशी थी और ना ही गम। वह पहले की भांति शिवजी की पूजा करता रहा। कुछ समय उपरांत साहूकार के घर एक पुत्र का जन्म हुआ। जब वह बालक ग्यारह वर्ष का हुआ तो उसे पढ़ने के लिए काशी भेज दिया गया।
दोनों मामा-भांजे इसी तरह यज्ञ कराते और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देते काशी की ओर चल पड़े। राते में एक नगर पड़ा जहां नगर के राजा की कन्या का विवाह था। लेकिन जिस राजकुमार से उसका विवाह होने वाला था वह एक आंख से काना था।
आगे पढ़िए
No comments:
Post a Comment