शनि देव को समर्पित सबसे पावन स्थली है शनि शिंगणापुर। शनि शिंगणापुर मंदिर का अलग ही महत्व है। इस गांव में रहने वाले भक्तों का विश्वास है कि शनि देव उनकी रक्षा करेंगें अर्थात् गांव के किसी भी घर में दरवाजा नहीं है।
5.5 फुट की ऊंचे काले रंग का एक विशाल पत्थर शनि देवता के प्रतीक के रूप में खुले आकाश के नीचे एक चबूतरे पर अवस्थित है। धूप हो या आंधी, सर्दी हो या बरसात, शनिदेव बिना छत के संगमरमर पर विराजमान रहते हैं। साथ में उनके पास भगवान शिव और हनुमान की प्रतिमा भी स्थापित है।
शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को लोग शनि देव की पूजा, अभिषेक और झांकी आदि निकालते हैं। नवग्रहों में शनि को सर्वश्रेष्ठ ग्रह माना जाता है क्योंकि शनि एक राशि पर ज्यादा समय तक विराजमान रहते हैं। शनिदेव की महिमा अपरम्पार है।
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