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Thursday, 9 June 2016

बनते हैं सब बिगड़े काम, शनिदेव की पावन स्‍थली शनि शिंगणापुर में......


शनि देव को समर्पित सबसे पावन स्‍थली है शनि शिंगणापुर। शनि शिंगणापुर मंदिर का अलग ही महत्व है। इस गांव में रहने वाले भक्‍तों का विश्‍वास है कि शनि देव उनकी रक्षा करेंगें अर्थात् गांव के किसी भी घर में दरवाजा नहीं है।
5.5 फुट की ऊंचे काले रंग का एक विशाल पत्थर शनि देवता के प्रतीक के रूप में खुले आकाश के नीचे एक चबूतरे पर अवस्थित है। धूप हो या आंधी, सर्दी हो या बरसात, शनिदेव बिना छत के संगमरमर पर विराजमान रहते हैं। साथ में उनके पास भगवान शिव और हनुमान की प्रतिमा भी स्थापित है।
शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को लोग शनि देव की पूजा, अभिषेक और झांकी आदि निकालते हैं। नवग्रहों में शनि को सर्वश्रेष्ठ ग्रह माना जाता है क्योंकि शनि एक राशि पर ज्यादा समय तक विराजमान रहते हैं। शनिदेव की महिमा अपरम्‍पार है।




Tuesday, 7 June 2016

कंगाल से मालामाल कर देंगें शनिवार के ये विशेष उपाय....


शनि देव का प्रकोप किसी पर पड़ जाए तो उसका जीवन कष्‍टों से भर जाता है। व्‍यक्‍ति के अच्‍छे–बुरे कर्मों का फल शनि देव ही देते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप शनिदेव को प्रसन्‍न रखें और भक्‍ति भाव से उनकी पूजा करें। शनि देव का प्रकोप अत्‍यंत ही भयंकर परिणाम देता है। आज शनिवार के दिन हम आपको बताते हैं शनिदेव को प्रसन्‍न करने के उपाय -:
– शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें। उसके माथे पर रोली लगाकर सींगों में कलावा बांधें और धूप-दीप करें। इसके पश्‍चात् गाय की परिक्रमा करें और उसे बूंदी के चार लड्डू खिलाएं।
– शनिवार के दिन उपवास रखें।
– चोकरयुक्त आटे की 2 रोटियां बनाएं और एक को तेल अथवा दूसरी घी से चुपड़ दें। तेल से चुपड़ी रोटी पर थोड़ा मीठा रखकर काली गाय को खिलाएं और फिर दूसरी रोटी भी खिला दें। इस उपाय को करते समय शनिदेव का ध्‍यान करें।