18 अगस्त को रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार है। भाई-बहन के इस पवित्र त्योहार
को हिंदू धर्म में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर
राखी बांधती हैं लेकिन इससे पहले वह विशेष थाली सजाती हैं। इस थाली में इन चीज़ों
का होना शुभ और अनिवार्य माना जाता है।
नहीं है भद्रा का साया इस राखी पर…
कुमकुम -: प्रत्येक शुभ कार्य को तिलक लगाने के बाद ही शुरु किया जाता है।
वहीं तिलक मान-सम्मान का भी प्रतीक है। बहन अपने भाई को मिलक लगाकर उसकी लंबी
उम्र की कामना करती है।
चावल -: तिलक के पश्चात् चावल लगाने की भी रीति है। यह शुभता का प्रतीक है।
इसके अलावा चावल शुक्र ग्रह से भी संबंधित है जो कि जीवन में सुख-सुविधा प्रदान
करता है।
सावन के आखिरी सोमवार में इन उपायों से करें भोले भंडारी को प्रसन्न
नारियल -: तिलक लगाने के बाद भाई के हाथ में नारियल देने की परंपरा है। नारियल
को श्रीफल भी कहा जाता है अर्थात् यह श्री यानि देवी लक्ष्मी का फल है। देवी
लक्ष्मी धन की देवी हैं। बहन अपने भाई के हाथ में नारियल देते हुए यह कामना करती
है कि उसके भाई के घर में कभी धन की कमी न हो।
रक्षा सूत्र -: मान्यता है कि रक्षा सूत्र बांधने से त्रिदोष यानि वात, पित्त और कफ शांत होते हैं।
मिठाई -: रक्षा बंधन में
मिठाई का भी बड़ा महत्व है। मिठाई खिलाने का महत्व है कि भाई-बहन के पवित्र रिश्ते
में कभी कड़वाहट न आ पाए।
दीपक -: थाली में घी का दीया
रख कर भाई की आरती उतारी जाती है।
मान्यता है कि आरती उतारने से भाई के सिर से
सभी प्रकार की बुरी नज़र उतर जाती है।
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