हत्था जोड़ी एक पौधे की
चमत्कारिक जड़ है जो जीवन को समृद्ध बनाने की शक्ति रखती है। हत्था जोड़ी में
तांत्रिक शक्तियां समाहित होती हैं जो रातोंरात किसी गरीब को अमीर बना सकती है।
कहते हैं कि इस चमत्कारिक जड़ी पर स्वयं मां लक्ष्मी की कृपा होती है। पैसों से
जुड़ी हर समस्या के लिए हत्था जोड़ी एक वरदान है।
हत्था जोड़ी अत्यंत
कारगर जड़ी मानी जाती है लेकिन ये तभी काम करती है जब इसका विशेष तरीके से पूजन कर
उपयोग में लाया जाए। हत्था जोड़ी के पूजन में सर्वप्रथम इसे पंचामृत में रखा जाता
है और फिर इसे स्वच्छ जल से साफ किया जाता है।
इसके पश्चात् हत्था
जोड़ी का पंचोपचार पूजन कर इसे कपूर और लौंग के साथ 1-2 दिन के लिए रख दें। इसके
बाद एक जार में तिल के तेल में हत्था जोड़ी डुबोकर रखें। तेल कम होने पर जार में
तेल डालते रहें। जब तेल जब तेल कम होना बंद हो जाए तो शुभ समय में इसे निकालकर
पूजन करें।
अब मां लक्ष्मी के चित्र
के आगे तांबे के लोटे में जल भरकर रखें और सर्वप्रथम भगवान गणेश और गुरु की पूजा
करें। इसके बाद हत्था जोड़ी का इत्र, चावल, लाल फूल
से पूजन करें और केसर की एक जोड़ी लौंग के साथ अर्पित करें। अब हत्था जोड़ी को
धूप-दीप और नैवेद्य दें।लाल रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद हत्था
जोड़ी को सिंदूर लगाकर उसके सामने 108 बार ‘ऐं किलि किलि
स्वाहा’ ये मंत्र बोले और एक लाल कपड़े में बांधकर
हत्था जोड़ी को अपने साथ रखें।
सिद्ध की हुई
हत्था जोड़ी को चांदी या स्टील की डिब्बी में लौंग, इलायची और सिंदूर के साथ डिब्बी को बांध कर रख
दें। रोज़ पूजन के समय उस डिब्बी को खोलकर धूप-दीप दें।
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