Tuesday, 10 May 2016

जानिए कैसा होगा आपका मई का महीना....


मेष : आपके प्रदर्शन को बेहतर करने में सहायक यह माह प्रभाव बढ़ाने वाला है। कार्य में आपकी सक्रियता और समझ लोगों की वाहवाही बटोरेगी। सभी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी। किसी नए रिश्ते की शुरूआत हो सकती है। परिवार के साथ सुखमय समय बिताने का मौका मिलेगा। पूर्वार्ध में महत्वपूर्ण कार्यों को गति मिलेगी। नई शुरुआत के लिए अच्‍छा समय है। उत्तरार्ध में धन-धान्य व सुख को बल मिलेगा।
वृषभ :  किसी वरिष्‍ठ अधिकारी से मुलाकात हो सकती है। यह मुलाकात आपके हर कार्य में सहायक सिद्ध होगी। आपके जीवन का स्तर बेहतर होगा। पारिवारिक जीवन में खुशियां आएंगीं। इस समय आप अपनी वाणी की मधुरता से सभी को को प्रभावित कर पाएंगें। पूर्वार्ध में सहजता से आगे बढ़ें। उत्तरार्ध में अवसरों की अधिकता बनी रहेगी। परिवार के साथ के कारण आपका मनोबल बढ़ेगा। लव लाइफ के लिए अच्‍छा समय है। नौकरीपेशा जातकों को अणिक मेहनत करने की जरूरत है।
मिथुन : इस समय आपका कला के प्रति रूझान रहेगा। किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए प्रयास कर रहें हैं तो उसमें आपको सफलता मिलेगी। धन कमाने के आर्थिक स्त्रोत बढ़ने की उम्‍मीद है। किसी मूल्यवान वस्तु पर धन खर्च कर सकते हैं। यदि आप अपने कार्य के विस्तार के बारे में सोच रहे हैं तो यह अनुकूल समय है। आपकी सभी योजनाएं सफल होंगी। किसी मूल्यवान वस्तु की प्राप्ति संभव है। कुल मिलाकर आपका यह महीना अच्‍छा बीतने वाला है।
कर्क : इस समय आपकी गंभीर विषयों में अधिक रुचि रहेगी। कार्यक्षेत्र में जटिल काम को भी आप सहजता से कर पाएंगें। इस माह लाभ होने के संकेत हैं। परिवार के वरिष्ठ सदस्‍यों का साथ मिलेगा। अपनी सक्रियता बनाए रखें। इस समय आपके लिए आय के नए स्त्रोत खुलेंगे। उत्तरार्ध में लंबित योजनाओं को आगे बढ़ा सकेंगे। किसी इच्छित वस्तु की प्राप्ति की प्रबल संभावना है।
सिंह : इस महीने आपको सफल होने के कई मौके मिलेंगें। भाग्य साथ देगा। कार्यक्षेत्र में  अनुकूलता बनी रहेगी। इस समय आपका रूझान भ्रमण और मनोरंजन के प्रति ज्‍यादा आकर्षित रहेगा। करियर और व्‍यापार में परिश्रम से ही अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त कर पाएंगें। जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है। स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखने की सलाह दी जाती है।
कन्या : आप अपने प्रभावित व्‍यवहार से सभी का मन जीतने में सफल हो पाएंगें। कहीं घूमने का प्रोग्राम बन सकता है। दोस्‍तों और परिवारजनों के सान्निध्‍य से आपका मनोबल बढ़ेगा। धार्मिक कार्यों में रूचि रहेगी। धैर्य रखें। परिवार के किसी सदस्‍य के साथ बहस न करने की सलाह दी जाती है। भाग्य की प्रबलता का लाभ मिलेगा। नौकरी ढ़ूंढ रहे जातकों की तलाश खत्‍म हो सकती है।

वक्री बुध और अन्य वक्री ग्रहों का गोचर फल....

28 अप्रेल को वक्री हुआ बुध 22 मई को मार्गी हो जाएगा। वक्री और मार्गी होने के कारण 3 अप्रेल से यह ग्रह मेष राशि में ही बना हुआ है। 8 जून को बुध वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। 1 मई से 17 मई तक यह ग्रह अस्त  रहेगा। इस वर्ष शनि बुध के नक्षत्र में ही रहेगा । इस कारण यह समय ऐसे जातकों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है जिनकी कुंडली में शनि मंगल या बुध की दशा-भुक्ति या अंतर होगा।
इस दौरान शनि स्वजयं वक्री है जो कि इस वर्ष के  लगभग अंत तक वक्री ही रहेगा। गुरू 9 मई को मार्गी होगा लेकिन मंगल सितंबर तक वक्री ही रहने वाला है। इस ग्रह दशा में बुध का मार्गी होना एक महत्वलपूर्ण घटना है जिसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों को महसूस होगा।
12 राशियों के जातकों पर इस का प्रभाव इस प्रकार है:
मेष: लग्नक में सूर्य, बुध और शुक्र स्थित हैं। लग्नस स्वाीमी और 11वें भाव का स्वारमी 8वें भाव में वक्री होकर बैठे हैं। यह स्थिति अचानक अच्छीन या बुरी घटनाएं दे सकती हैं। कानूनी मामले आपको मानसिक असंतुलन की स्थिति में भी पहुंचा सकते हैं। अगर किसी चीज को पाना चाहते हैं तो उसके लिए सामान्या से ज्याचदा मेहनत करनी होगी। पैतृक संपत्ि ह  की प्राप्तिय हो सकती है और अंजान स्रोत से धन प्रात्तिी भी संभव है। गलत और गैरकानूनी काम करने वाले लोग बहुत मुनाफा कमा सकते हैं।
वृषभ: 9 मई के बाद कई मामलों में आपको राहत मिलेगी। लेकिन कार्यक्षेत्र में चल रहा संघर्ष वैसा ही रहेगा। आपके काम को नजरअंदाज किया जाएगा और आपके सीनियर आपकी उपेक्षा कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन में भी तनातनी बरकरार रहेगी। परिवार के किसी सदस्यै के बीमार होने के कारण अस्पकताल के चक्कार भी लगाने पड़ सकते हैं साथ ही धन व्य य के भी योग हैं।

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Monday, 9 May 2016

शिव की भक्‍ति का प्रतीक है सोमवार का व्रत, पढ़ें कथा


हिंदू धर्म के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए व्रत रखने का विधान है। मान्‍यता है कि सोमवार के दिन व्रत रखने से भगवान शिव मनवांछित फल का वरदान देते हैं। कुंवारी कन्‍याओं द्वारा मनवांछित वी पाने हेतु सोलह सोमवार व्रत रखने की भी रीति है। सोमवार के व्रत में कथा सुनने से भी व्रत का फल अच्‍छा मिलता है।
सोमवार व्रत कथा
किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके घर में धन की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी जिस वजह से वह बेहद दुखी था। पुत्र प्राप्ति के लिए वह प्रत्येक सोमवार व्रत रखता था और पूरी श्रद्धा के साथ शिवालय में जाकर भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा करता था। उसकी भक्ति देखकर मां पार्वती प्रसन्न हो गईं और भगवान शिव से उस साहूकार की मनोकामना पूर्ण करने का निवेदन किया। पार्वती जी की इच्छा सुनकर भगवान शिव ने कहा कि “हे पार्वती! इस संसार में हर प्राणी को उसके कर्मों के अनुसार फल मिलता है और जिसके भाग्य में जो हो उसे भोगना ही पड़ता है।” लेकिन पार्वती जी ने साहूकार की भक्ति का मान रखने के लिए उसकी मनोकामना पूर्ण करने की इच्छा जताई। माता पार्वती के आग्रह पर शिवजी ने साहूकार को पुत्र-प्राप्ति का वरदान तो दिया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उसके बालक की आयु केवल बारह वर्ष होगी।
माता पार्वती और भगवान शिव की इस बातचीत को साहूकार सुन रहा था। उसे न तो इस बात की खुशी थी और ना ही गम। वह पहले की भांति शिवजी की पूजा करता रहा। कुछ समय उपरांत साहूकार के घर एक पुत्र का जन्म हुआ। जब वह बालक ग्यारह वर्ष का हुआ तो उसे पढ़ने के लिए काशी भेज दिया गया।
साहूकार ने पुत्र के मामा को बुलाकर उसे बहुत सारा धन दिया और कहा कि तुम इस बालक को काशी विद्या प्राप्ति के लिए ले जाओ और मार्ग में यज्ञ कराओ। जहां भी यज्ञ कराओ वहीं पर ब्राह्मणों को भोजन कराते और दक्षिणा देते हुए जाना।

जानिये किन लोगो को बनाता है शनि ‘रंक से राजा’…


शनि बनाते हैं रंक से राजा….

शनि संतुलन एवं न्याय के ग्रह हैं । शनि अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय का प्रतीक हैं। शनि ही धन-संपत्ति, वैभव और मोक्ष भी देते हैं । शनि ग्रह से सभी लोग अत्याधिक भय भीत होते हैं । लेकिन वास्तव में शनि के प्रति जितनी भ्रांति फैली हैं वो अधिकत्तर गलत हैं । शनि ही एक मात्र ऐसा ग्रह हैं जो रंक से राजा बना सकता हैं । जिन पर  भी शनि की विशेष दया दृष्टि रही हैं उस जातक को इतना बढा पद प्राप्त हुआ हैं जिसे पाने के लिये अन्य सिर्फ स्वप्न देख सकते हैं । बराक ओबामा, अमिताभ बच्चन, नरेंद्र मोदी इन की जन्म कुण्डली में शनि का विशेष प्रभाव देखने को मिल जायेगा । यही नही आज तक अधिकतर जितने भी सता परिवर्तन हुये हैं वे सभी तब हुवे हैं जब शनि अपनी उच्च राशि या बली अवस्था में रहा हैं । हाल ही में नरेंद्र मोदी जी ने सता व्यवस्था बदली हैं जब शनि उच्च के थे ।       
                                                                    घर में रखेंगें ये चीजें तो खींचा चला आएगा धन

पत्नि के श्राप कि वजह से हुऐ थे कुरुप व क्रूर…

पद्म पुराण के मतानुसार शनिदेव सूर्य के पुत्र हैं, जो उनकी छाया नामक पत्नी से उत्पन्न हुए हैं। शनि देव शुरु से ही भोले नाथ के भक्त रहे । ये हमेशा शिवलिंग की पूजा उपासना में ही तल्लीन रहे । शनि देव को रास रंग कभी भी नहीं भाया ये एक अलग व नवीनतम सोच रखने वाले थे । इनके पिता सूर्य राजा होने के कारण कठोर नियम परम्परा को मानने वाले थे जबकि शनि देव किसी भी परम्परा पर चलना पसंद नहीं करते थे । इसी कारण इनका पिता से वैर होने लगा । कहा जाता है कि शनि की पत्नी चित्ररथ गंधर्व की कन्या थी, जो उग्र स्वभाव की थी। एक बार शनिदेव भजन में लिप्त थे। वह ऋतु-स्नान व श्रृंगार कर रमण करने के उद्देश्य से वहॉं आयी, परंतु शनि ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। इससे क्रोध में आकर उनकी पत्नी ने उन्हें श्राप दे दिया कि तुम्हारी दृष्टि जहॉं पर भी पड़ेगी, वहॉं विनाश ही विनाश हो जाएगा।



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