Saturday 20 February 2016

नरेंद्र मादी जी की भविष्‍य की संभावनाएं: ज्योतिषीय आकलन


आगामी सितंबर में 66 वर्ष पूरे करने वाले नरेंद्र मादी जी का जन्‍म 17 सितंबर 1950 को हुआ था। जिसके अनुसार उनकी जन्‍म पत्रिका इस प्रकार है-:

29-12-2012 से ही मोदी जी की चंद्र महादशा चल रही है। चंद्रमा उनकी कुंडली में अनेक योग लेकर बैठा हुआ है – दशम का स्वामी होकर धन भाव में है और मंगल से उसकी युति है । इसे लक्ष्‍मी योग भी कहा जाता है। इस जन्‍म पत्रिका की सबसे अच्‍छी बात है कि इसमें राहु और केतु 6-12 की अक्षरेखा पर हैं जो मेरे अनुसार सबसे कम हानि के योग को दर्शाता है। केतु का इस घर में होना मोक्ष और सन्‍यास प्रदान करता है। मोदी जी का भी यही मानना है और वे कई बार अपने भाषण में भी ये बात कह चुके हैं कि वे राजनीति में आने से पहले सन्‍यासी बनना चाहते थे।
लग्‍नेश का 11वें घर में होना एक अन्‍य उत्‍तम योग बना रहा है | राशि कुंडली में शुक्र 11वें घर में शनि के साथ संयुक्‍त है जो कि तुला राशि के लिए केंद्र त्रिकोणाधिपति के रूप में योगकारक ग्रह है। भाग्येश उच्च का है तथा अपनी ही रही में है , यह 12वें भाव में है किन्तु इससे अधिक हानि नहीं है |
नरेंद्र मोदी जी के शानदार करियर पर नजर डालने पर पता चलता है कि वे लगभग 13 वर्ष तक गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहे | अब वे भारत के प्रधान मंत्री हैं | ये उपलब्‍धियां किसी भी व्‍यक्‍ति के लिए गौरवान्‍वित करने वाली हैं। मोदी जी 2001-2014 तक गुजरात के मुख्‍यमंत्री पद पर रहे। ये समय शुक्र की महादशा का था। शुक्र भाव चक्र में दशम में है और अपने ही नक्षत्र में विराजमान है | ये सूर्य के उप नक्षत्र में है जो की 11वें भाव में स्थित है।
10वें भाव का उपनक्षत्रस्‍वामी बृहस्‍पति है जो कि राहु के नक्षत्र और उपनक्षत्र में है। 3,5,6,9,11 घर का कारक राहु है जिसमें से सबसे प्रबल कारक 11वें भाव का है। इसमें कोई आश्‍चर्य वाली बात नहीं है कि शुक्र महादशा के चलते उन्‍हें मुख्‍यमंत्री पद की उम्‍मीदवारी का मौका मिला। शुक्र के पश्‍चात् सूर्य की दशा आरंभ हुई जो कि 11वें भाव का अत्‍यधिक प्रबल कारक है। सूर्य दशा के चलते हमने उन्‍हें राष्‍ट्रीय स्‍तर पर बढ़ते हुए देखा है और सूर्य की दशा समाप्‍त होते होते वे बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के प्रबल उम्‍मीदवार बन गए। 2013 में भी प्रश्‍न कुंडली के द्वारा मैंने नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना की भविष्‍यवाणी की थी।
आने वाले समय में उनसे अपेक्षित कार्य हैं-:
वर्तमान समय में मोदी जी 4-2-2017 तक चंद्रमा दशा और बृहस्‍पति अंतरा से गुजर रहे हैं। प्रधानमंत्री पद पर उनका कार्यकाल 2019 तक बना रहेगा। सूर्य की तरह चंद्र भी 11वें घर के साथ-साथ 1,10,4,5 का अच्‍छा कार्येष है। २०२४ तक वे ही भारत के प्रधानमंत्री रहेंगे यह निश्चित है | 11वें घर के सबल कार्येष बुध की प्रत्‍यंतर दशा 2019 में रहेगी । जिससे उनकी जीत सुनिश्‍चित है।
मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही विपक्षी दलों ने उनके द्वारा किए गए किसी भी कार्य में रूकावट लाने और देश की प्रगति में बाधा लाने का कार्य बहुत अच्‍छे से किया है। हाल ही में देश के प्रतिष्ठित संस्‍थान जेएनयू में हुए हंगामे की वजह से देश की शांति और गरिमा में कमी आई। निजी तौर पर मेरा मानना है कि राज द्रोहियों को जितना जल्‍दी हो सके दूसरी दुनिया भेज देना चाहिए लेकिन कानून का न्‍याय करने का अपना एक अलग तरीका है और मुझे देश की कानून व्‍यवस्‍था में पूर्ण विश्‍वास है। ये मुद्दा भी जल्‍द ही सुलझ जाएगा। लोक सभा की कार्यवाही बाध्‍य करने के लिए विपक्षी निरर्थक मुद्दों को उठाएंगें लेकिन भारत की प्रगति की राह मोदी जी के नेतृत्‍व में निरंतर अग्रसर रहेगी।
मई के पश्‍चात् बृहस्‍पति मार्गी होगा और अगस्‍त 2016 तक बृहस्‍पति, सिंह राशि में रहेगा जो की उनका 11वां घर होगा | इस समय में पूरे देश के लिए अनेक सकारात्‍मक बदलाव आने के संकेत हैं एवं देश आर्थिक तौर पर भी मजबूत होगा। 2016-17 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्‍थायी सीट मिलने के आसार बहुत ही प्रबल हैं।
अगले वर्ष शनि तीसरे घर में परिवर्तन करेगा और मोदी जी की कुंडली में फरवरी से शनि की अंतर दशा आरंभ होगी।
मोदी जी के लिए भविष्‍यवाणी -:
लगातार अगली बार भी मोदी जी ही प्रधानमंत्री पद का ताज पहनेगें।
उनके नेतृत्‍व में भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद् में स्‍थायी सदस्‍यता का मौका मिलेगा।
अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भारत एक मजबूत देश के रूप में उभरकर सामने आएगा।
मोदी जी देश की गरिमा और लोकप्रियता को सकारात्‍मक तरीके से एक नये आयाम तक लेकर जाएंगें।

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