Thursday 18 February 2016

अबू बकर अल बगदादी : मृत्यु कब : के पी ज्योतिषीय विश्लेषण


हाफिज सईद की तरह मानवता को शर्मसार करते हुए अबू बकर अल बगदादी का भी घिनोना चेहरा दुनिया के सामने आया है। पुतिन से लेकर ओबामा तक जिस शख्स की मौत की कामना करी जा रही हो उसका मरना तो निश्चित ही है किन्तु कब ? इस आदमी की मृत्‍यु के बारे में विचार करते हुए मेरे हाथ में 43 नंबर की पर्ची आई जिसके आधार पर 43 नंबर की प्रश्न कुंडली इस प्रकार है-:
मृत्‍यु का समय मारक और बाधक ग्रहों की अवधि में निकट आता है। इस कुंडली में मारक गृह स्वयं लग्नेश बुध है और मारक और बाधक ब्रहस्पति है |बुध स्वयं ही लग्नेश होकर और मारक होकर अष्टम भाव में है जो की इस व्यक्ति की अल्पायु की सूचना दे रहा है |
निम्‍नलिखित ग्रह 2 और 7 के घर के कार्येष हैं-:
निर्णय के समय रूलिंग गृह निम्न हैं -:
लग्न नक्षत्र स्वामी—शनि
लग्न-: कर्क
चंद्रमा नक्षत्र स्वामी-: सूर्य
राशी-: वृषभ
दिन स्वामी-: सोमवार
रूलिंग में शनि गृह उच्च दर्जे का कार्येष है और इसी का अंतर भी चल रहा है | इसका अंतर ११-१०-२०१६ तक रहने वाला है |शनि स्वयं ही बुध के नक्षत्र में है और शनि छठे भाव में है | बुध अष्टम में है जो की मृत्यु स्थान है | अतः शनि के अंतर में इसकी मृत्यु निश्चित है |
अष्टम भाव का उपनक्ष्त्र स्वामी मृत्यु के कारण अथवा प्रकार को दर्शाता है , कुंडली का अष्टम भाव का उपनक्ष्त्र स्वामी बुध है जो की जहरीली गैस , दम घुटने , स्नायु विकार , तंत्रिका तंत्र के विकार के कारण मृत्यु दर्शाता है | बुध स्वयं ही अष्टम में है | शनि का छठे भाव में होना रोग ग्रस्त होकर मृत्यु दर्शाता है | मंगल और राहू का प्रत्यंतर इस व्यक्ति के लिए घटक सिद्ध होगा | ऐसी आशा की जा सकती है की जून के मध्य से अगस्त अंत तक में इसकी मृत्यु की पुष्टि हो जायेगी | यह दर्दनाक मृत्यु को प्राप्त होगा | गोचर के अनुसार ऐसी भी एक क्षीण संभावना है की इसकी मृत्यु जनवरी २०१६ माह में ही हो चुकी है हो और उस पर पर्दा डाला गया हो |

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